संसद की कैंटीन में भोजन सब्सिडी
1 जनवरी 2016 से संसद की कैंटीन में भोजन बंद कर दी गई है। शाकाहारी थाली जो पहले 18 रुपये में मिलती थी, वो अब 30 रूपये में मिलेगी; मांसाहारी थाली 33 रुपये की बजाय 60 रुपये में और पूरा भोजन 61 रुपये के बजाय 90 रूपये में मिलेगा।
लोक सभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के कहने पर भोजन पर यह सब्सिडी ख़त्म की गई है। खाने-पीने की चीजों के दाम आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाने और सोशल मीडिया में इस सब्सिडी की काफी आलोचना होने के बाद यह निर्णय लिया गया। एक आर टी आई से पता चला है कि पिछले 5 वर्षों में भोजन पर 60 करोड़ 70 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई।
यह सब्सिडी ख़त्म करने का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन गौर करने लायक बात यह है कि सब्सिडी तो ख़त्म कर दी जायेगी परन्तु कैंटीन 'नो प्रॉफिट, नो लॉस' यानि 'न नफा, न नुकसान' के आधार पर काम करेगी।
1 जनवरी 2016 से संसद की कैंटीन में भोजन बंद कर दी गई है। शाकाहारी थाली जो पहले 18 रुपये में मिलती थी, वो अब 30 रूपये में मिलेगी; मांसाहारी थाली 33 रुपये की बजाय 60 रुपये में और पूरा भोजन 61 रुपये के बजाय 90 रूपये में मिलेगा।
लोक सभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के कहने पर भोजन पर यह सब्सिडी ख़त्म की गई है। खाने-पीने की चीजों के दाम आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाने और सोशल मीडिया में इस सब्सिडी की काफी आलोचना होने के बाद यह निर्णय लिया गया। एक आर टी आई से पता चला है कि पिछले 5 वर्षों में भोजन पर 60 करोड़ 70 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई।
यह सब्सिडी ख़त्म करने का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन गौर करने लायक बात यह है कि सब्सिडी तो ख़त्म कर दी जायेगी परन्तु कैंटीन 'नो प्रॉफिट, नो लॉस' यानि 'न नफा, न नुकसान' के आधार पर काम करेगी।