20-21 नवम्बर, 2015 को प्राउटिष्ट ब्लाक, इंडिया (पी बी आई ) ने इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स, मधुसूदन नगर, यूनिट-4, भुबनेश्वर-1, ओडिशा में राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया।
इसका आरम्भ एक रैली के साथ हुआ जिसमें ओडिशा, बिहार,दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र से आए पी बी आई के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया । अपनी माँगों के समर्थन में नारे लगाते हुए उन्होंने एक्सबिशन ग्राउंड से ओडिशा विधान सभा तक मार्च किया। प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए डॉ कुलमणि नायक, केदार नाथ साहू और राजेश सिंह ने कहा कि देश भर में किसानों की दशा बहुत दयनीय हो गयी है और ओडिशा भी कोई अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि पी बी आई किसानों के अधिकारों के लिए अपना आंदोलन तेज करेगा।
संवाददाताओं से बात करते हुए ओडिशा राज्य समिति के महासचिव केदार नाथ साहू ने स्पष्ट रूप से पी बी आई की मांगों को बता कर सरकार से मांग कि उन्हें जल्द से जल्द स्वीकार कर उचित कदम उठाये जाएँ। पी बी आई के एक प्रतिनिधि मंडल ने, जिसमे राजेश सिंह, केदार नाथ साहू, अनुसूया पात्रा और शंकर लाल शामिल थे, निम्नलिखित मांगों का एक ज्ञापन मुख्यमंत्री और माननीय गवर्नर को दिया:
रोज़गार के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए : पी बी आई की मांग है कि रोज़गार के अधिकार को संविधान में एक मौलिक अधिकार के रूप में जगह दी जाए।
कृषि को उद्द्योग का दर्जा दिया जाए : पी बी आई का मानना है कि किसानों को अपनी समस्याओं से तभी मुक्ति मिल सकती है जब कृषि को उद्द्योग के रूप में पुनर्गठित किया जाए और उसे वह सभी सुविधाएं प्राप्त हों जो आज सिर्फ उद्द्योगों को प्राप्त हैं।
प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री का जनता द्वारा सीधे चुनाव हो : पी बी आई की मांग है कि प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री का मतदाताओं द्वारा सीधे चुनाव हो, फिर निर्वाचित प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री सभी निर्वाचित सांसदों और विधायकों में से उनकी योग्यता अनुसार मंत्री मंडल और कैबिनेट चुनें। इससे ज्यादा स्थिर सरकार और जनता का बेहतर प्रतिनिधित्व प्राप्त होगा, तथा जन प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त भी बंद होगी।
ओडिशा के प्राकृतिक संसाधनों की लूट बंद हो : अभी तक ओडिशा के 60 हज़ार करोड़ से अधिक के खनिज और अन्य संसाधनों को राज्य से बाहर भेजा जा चुका है। पी बी आई की मांग है कि राज्य के लोगों के उत्थान के लिए इस सम्पदा को ओडिशा को वापस किया जाए।
प्रथम दिवस का दूसरा सत्र एक अभिनन्दन गीत और तत्पश्चात पी बी आई के संस्थापक श्री प्रभात रंजन सरकार के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरम्भ हुआ। अपने उद्घाटन भाषण में पार्टी के महासचिव राजेश सिंह ने आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक शोषण के खिलाफ एकताबद्ध हो कर लड़ने के लिए सभी नैतिकों का आवाह्न किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ और सिर्फ पी बी आई प्रउत के व्यवहारिक उपयोग से देश की सभी ज्वलंत समस्याओं का हल कर सकती है।
कृषि को उद्द्योग का दर्जा दिया जाए : पी बी आई का मानना है कि किसानों को अपनी समस्याओं से तभी मुक्ति मिल सकती है जब कृषि को उद्द्योग के रूप में पुनर्गठित किया जाए और उसे वह सभी सुविधाएं प्राप्त हों जो आज सिर्फ उद्द्योगों को प्राप्त हैं।
प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री का जनता द्वारा सीधे चुनाव हो : पी बी आई की मांग है कि प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री का मतदाताओं द्वारा सीधे चुनाव हो, फिर निर्वाचित प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री सभी निर्वाचित सांसदों और विधायकों में से उनकी योग्यता अनुसार मंत्री मंडल और कैबिनेट चुनें। इससे ज्यादा स्थिर सरकार और जनता का बेहतर प्रतिनिधित्व प्राप्त होगा, तथा जन प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त भी बंद होगी।
ओडिशा के प्राकृतिक संसाधनों की लूट बंद हो : अभी तक ओडिशा के 60 हज़ार करोड़ से अधिक के खनिज और अन्य संसाधनों को राज्य से बाहर भेजा जा चुका है। पी बी आई की मांग है कि राज्य के लोगों के उत्थान के लिए इस सम्पदा को ओडिशा को वापस किया जाए।
प्रथम दिवस का दूसरा सत्र एक अभिनन्दन गीत और तत्पश्चात पी बी आई के संस्थापक श्री प्रभात रंजन सरकार के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरम्भ हुआ। अपने उद्घाटन भाषण में पार्टी के महासचिव राजेश सिंह ने आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक शोषण के खिलाफ एकताबद्ध हो कर लड़ने के लिए सभी नैतिकों का आवाह्न किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ और सिर्फ पी बी आई प्रउत के व्यवहारिक उपयोग से देश की सभी ज्वलंत समस्याओं का हल कर सकती है।
प्रोफेसर आदित्य मोहंती इस सत्र के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने जोरदार शब्दोें में श्रोताओं से अनैतिकों के खिलाफ खड़े होने के लिए कहा ताकि राजनीति से गन्दगी साफ़ हो। उन्होंने कहा कि आर्थिक लोकतंत्र ही शोषण को दूर करने का एक मात्र तरीका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पी बी आई अनैतिकों से राजनैतिक सत्ता छीन कर देश की राजनीति में एक नए युग की शुरू करेगी ।
प्रथम दिवस की समाप्ति एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुई, जिसमें छोटे बच्चों के एक समूह ने श्री प्रभात रंजन सरकार द्वारा रचित गीतों पर आधारित लोक और शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किए।
दूसरे और अंतिम दिवस के प्रथम सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुभाष चंद त्यागी ने की। उनके साथ ओडिशा प्रदेश समिति के अध्यक्ष कुलमणि नायक, विधर्भ समाज के संयोजक मधुकर निस्ताने, बिहार राज्य समिति के अध्यक्ष शिव नारायण, स्नेहलता दास, अनुसूया पात्रा और केदार नाथ साहू मंच पर उपस्थित थे।
शिव नारायण जी ने जोरदार शब्दों में पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में पार्टी के विस्तार को तेज करने के लिए प्रेरित किया। हाल में बिहार में हुए विधान सभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हालाँकि पी बी आई के उम्मीदवारों के चुनाव परिणाम उत्साहवर्धक हैं, परन्तु चुनावों में अनैतिक शक्तियों की जीत यह बताती है कि हमें अपनी गति को कई गुना बढ़ाने की ज़रुरत है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष चंद त्यागी ने अपनी सरल और चित-परिचित शैली में पार्टी की भविष्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की और उसके किर्यान्वयन के सम्बन्ध में कुछ अमूल्य निर्देश दिए।स्वतंत्रता संग्राम के महान नेताओं के जीवन से उदाहरण लेते हुए विदर्भ से पी बी आई के कर्मठ नेता मधुकर निस्ताने ने जोर देकर कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थ की आहुति दिए बिना समाज के कल्याण के लिए काम नहीं किया जा सकता।
केदार नाथ साहू ने अपने जोशीले भाषण में ओडिशा के लोगों के शोषण को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया और कहा कि ओडिशा में जल्द से जल्द प्राउटिष्ट सरकार बनाई जायेगी। राष्ट्रीय आंदोलन सचिव कान्हू चरण बेहुरा ने ओडिशा में पार्टी की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पी बी आई न सिर्फ लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रही है बल्कि विभिन्न सहकारी समितियों में संलग्न करके उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त भी कर रही है।
इसके अतिरिक्त गत बिहार विधान सभा चुनाव में भाग लेने वाले पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने पहले चुनावी अनुभव के बारे में बताया। इनमें शामिल थे सोगार्थ पासवान, रमेश चन्द्र, राम विलास बैठा, डॉ प्रमोद और बिपिन कुमार यादव।
दूसरे सत्र में राजेश सिंह ने महामंत्री रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने गत वर्ष में हुईं पार्टी की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। कुछ राजनैतिक प्रस्तावों को भी सर्वसम्मति से पास किया गया। इसके अतिरिक्त पार्टी की राष्ट्रीय समिति का भी चुनाव हुआ, और अगला राष्ट्रीय अधिवेशन 2016 में पटना, बिहार में आयोजित करने का प्रस्ताव पारित हुआ।
समापन सत्र में कुछ प्रख्यात प्राउटिष्टों को फूल और शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इनमें शामिल थे जगन्नाथ लेंका, केदार नाथ साहू, शिव नारायण, मधुकर निस्ताने, अनुसूया पात्रा, स्नेह लता दास और पीताम्बर भुइंया। इसके अलावा राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आदित्य प्रधान, शंकर लाल, राजश्री, चन्द्रिका और कुछ अन्य प्राउटिष्टों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गए।
समापन सत्र में कुछ प्रख्यात प्राउटिष्टों को फूल और शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इनमें शामिल थे जगन्नाथ लेंका, केदार नाथ साहू, शिव नारायण, मधुकर निस्ताने, अनुसूया पात्रा, स्नेह लता दास और पीताम्बर भुइंया। इसके अलावा राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आदित्य प्रधान, शंकर लाल, राजश्री, चन्द्रिका और कुछ अन्य प्राउटिष्टों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गए।
अपने समापन सम्बोधन में आचार्य संतोषानंद अवधूत ने कहा कि समय आ गया है जब नैतिकों को राजनीति में नेतृत्व सम्भाल कर अनैतिकों को पराजित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावों में सिर्फ भाग लेने के लिए भाग लेना पी बी आई का उद्देश्य नहीं है;पार्टी जीतने के लिए चुनाव लड़ेगी।धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए महा सचिव राजेश सिंह ने कहा कि अधिवेशन का शानदार आयोजन करने के लिए ओडिशा राज्य समिति धन्यवाद की पात्र है। तत्पश्चात ओडिशा के कार्यकताओं द्वारा गाये प्रउत गीत से झंकृत वातावरण के बीच अधिवेशन समाप्त हो गया।